नवरात्रि के दिनों में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है और यह पूजन पूरे भारतवर्ष में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इन दिनों में हर महिला को मां और बेटी की नजरों से देखा जाता है। आम दिनों में कई जगह पर देखा जाता है कि लड़कों और लड़कियों में काफी फर्क किया जाता है लेकिन नवरात्रि में महिलाओं का एक विशेष महत्व होता है और हाल ही में इसका महत्व एक बार फिर से तब देखने को मिला जब अष्टमी की पूजा के दौरान एक छोटी सी बच्ची लोगों को रोती हुई हालत में जंगल में मिली है। दरअसल उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में अष्टमी की पूजा के दिन एक बच्ची लोगों को रोते हुए जंगलों में मिली और आइए आपको बताते हैं आखिर किस वजह से इस बच्ची को गोद लेने के लिए लोगों की लाइन लग गई और लोग इस बच्ची को मां दुर्गा का स्वरूप मानते नजर आने लगे हैं.
अष्टमी की पूजा के दिन लोगो को मिली रोती हुई यह बच्ची, जंगल में छोड़ गया था कोई अकेला
कई बार यह देखा जाता है कि लोग बेटी होने के गम में अपनी बेटी को ऐसी सुनसान जगह पर छोड़ जाते हैं जिसकी वजह से वह बच्चे रोते बिलखते रह जाते हैं और हाल ही में ऐसा ताजा मामला उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में देखने को मिला जहां लोग कन्या पूजन की विशेष तैयारी कर रहे थे और इसी दौरान लोगों को रोते बिलखते एक बच्चे की आवाज आई जिसको देखकर सभी लोग भागते हुए उस आवाज के पास पहुंचे। लोगों को वहां पर एक छोटी सी बच्ची नजर आई जो भूख के मारे व्याकुल थी और रोती हुई नजर आ रही थी जिसको देखकर लोगों ने सबसे पहले उसका स्तनपान करवाया और उसके बाद पास के थाने को इस बात की जानकारी दी। आइए आपको बताते हैं आखिर किस वजह से इस छोटी सी बच्ची को गोद लेने के लिए लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई और लोग उसे मां दुर्गा का स्वरूप मानते नजर आए.
मां दुर्गा का स्वरूप मानते नजर आए लोग इस बच्ची को, गोद लेने के लिए एकत्रित हुई भीड़
नवरात्रि के अष्टमी के दिन विशेष पूजा होती है क्योंकि लोगों का मानना है कि इस दिन मां दुर्गा की लोगों के ऊपर विशेष कृपा होती है और हाल ही में उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में जब यह पूजा संपन्न करवाई जा रही थी उसी दौरान एक बूढ़ी को एक बच्ची रोती बिलखती हालत में मिली थी जिसकी सूचना लोगों ने पास के थाने में दे दी थी। पुलिस ने इसकी छानबीन करने के दौरान बताया कि जरूर किसी ने इस बच्ची को इस वजह से छोड़ दिया क्योंकि वह एक लड़की थी लेकिन दरअसल कि वह अष्टमी के दिन उनके गांव में मिली थी इसी वजह से लोग उसे मां दुर्गा का स्वरूप मानने लगे और लोगों में इस बात के लिए भीड़ लग गई कि कौन उसे गोद लेकर अपनी बेटी बनाएगा। हालांकि बाल इकाई संरक्षण ने उस बच्ची को अपने पास रख लिया है और उसकी देखभाल करते नजर आ रहे हैं और आने वाले समय में वह पूरी निगरानी में उस बच्ची को गोद देंगे।