भारत देश को आजादी दिलाने के लिए बहुत ही देश भक्तों ने बलिदान दिया था उनका बलिदान देश कभी नहीं भूल सकता। ऐसे ही एक शख्स थे जिन्होंने आजादी की चाह में अपने आप को कुर्बान कर दिया उनका नाम था भगत सिंह। भगत सिंह का नाम सुनते ही आज देश में हर व्यक्ति का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। उनके द्वारा किए गए बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शहीद आजाद भगत सिंह कि एक हवेली है जो कि पाकिस्तान में मौजूद है वह आज भी सही सलामत वैसी की वैसी ही है। यह इस बात का प्रमाण है कि आज भी भगत सिंह के लिए लोगों के दिलों में कितना प्यार और सम्मान बसा हुआ है।
पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर में है हवेली
आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि भगत सिंह की हवेली पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर की जुड़वा वाला तहसील में मौजूद है। इस हवेली की देखरेख एक पाकिस्तानी परिवार ही करता है। हवेली के आसपास का नजारा बिल्कुल एक शहर के जैसा लगता है। अगर आप कभी भी पाकिस्तान जाकर उनकी यह हवेली देखना चाहेंगे तो आपको बताना चाहेंगे कि मकवाना बाईपास रोड से थोड़ा दूर जाते ही सड़क के किनारे एक बोर्ड लगा हुआ है जिससे यह आप अच्छे से अंदाजा लगा सकते हैं कि भगत सिंह की हवेली थोड़ा आगे चलकर ही है।
यहां की ज्यादातर आबादी है हिंदुस्तान के मुसलमानों की
प्राप्त जानकारी के अनुसार जहां भगत सिंह की हवेली बनी हुई है उस गांव की लगभग आबादी विभाजन के समय हिंदुस्तान से गए मुसलमानों की है। रिपोर्ट के अनुसार गांव के सभी लोगों को इस बात का गर्व है कि वह इस गांव में रहते हैं और यहां शहीद आजाद भगत सिंह का जन्म हुआ था। कहा तो यह भी जाता है कि इस गांव में कोई भी हिंदू मुसलमान नहीं करता। शायद यही वजह है कि आजादी के नायक रहे शहीद भगत सिंह की हवेली आज राष्ट्रीय स्मारक बन चुकी है।
साकिब वरक के पूर्वजों ने ली थी हवेली को संभालने की जिम्मेदारी
जैसा कि हमने आपको बताया कि इस हवेली की देखरेख की जिम्मेदारी एक पाकिस्तानी परिवार की है। इसमें में जो इस हवेली की देखभाल करता है उसका नाम है साकिब वरक। साकिब के पूर्वजों को विभाजन के बाद इस हवेली की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी गई थी जिसे आज भी वह पीढ़ी दर पीढ़ी पूरा कर रहे हैं। साकिब का कहना है कि वह बहुत भाग्यशाली हैं जो उनको शहीद आजाद भगत सिंह की हवेली की देखभाल करने का मौका मिला है।