आज हम आपको भारत के एक ऐसे आदमी के बारे में बातएगे जो अपने जीवन मे कभी न्यूज़ पेपर बेचते थे लेकिन फिर किस्मत ऐसी बदली की सीधा देश का राष्ट्रपति बन गए. जी हां हम बात कर रहे है भारत के राष्ट्रपति रह चुके स्वर्गवासी ए.पी.जे अब्दुल कलाम की. अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति रह चुके हैं इसके साथ ही अब्दुल कलाम को भारत के सबसे बड़े वैज्ञानिक के नाम से भी जाना जाता हैं.
बोला जाता हैं की अगर भारत के विज्ञान में अब्दुल कलाम नही होते तो शायद आज भारत विज्ञान की दुनिया मे इतने ऊँचे मुकाम पर नही होता. अब्दुल कलाम एक मात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्हें बिना एलेक्शन के राष्ट्रपति बने. बोला जाता है कि जब लोकसभा में यह बात चली की भारत के राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को होना चाइए तो विपक्ष ने भी इस बात पर सहमति दिखाई और पूरा संयोग करो. राष्ट्रपति के चुनाव में अब्दुल कलाम जी का सामने कोई भी उम्मीद वार खड़ा नही हुआ था. यही कारण हैं जिसकी वजह से अब्दुल कलाम को बिना किसी चुनाव के राष्ट्रपति बना दिया हैं.
न्यूज़ पेपर बेचने से की थी शुरुआत , क़िस्मत ऐसी बदली की बन गए भारत के राष्ट्रपति
ए.पी.जे अब्दुल कलाम भारत के नामी वैज्ञानिकों में से एक है. अब्दुल कलाम ने भारत के विज्ञान की पूरी तरह काया पलट कर दी हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अब्दुल कलाम बचपन मेब पिता के साथ न्यूज़ पेपर बेचते थे लेकिन उनके अंदर कुछ कर गुज़र जाने हलक थी. अब्दुल कलाम को मिसाइल से बहुत जजुद लगाव था. इसी के चलते अब्दुल कलाम जी ने भारत को 5 सबसे महत्वपूर्ण मिसाइल बना कर दी. ओर इतना ही नही बल्कि साल 2000 में अटल बिहारी वज्झपाई जी की सरकार में हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण करके भारत का नाम पूरी दुनिया मे रोशन किया था. यही कारण हैं जिसकी वजह से आज भी भारत मे ही बल्कि पूरी दुनिया अब्दुल कलाम जी को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता हैं.
साल 2002 में बने भारत के 11वे राष्ट्रपति
अब्दुल कलाम जी अपने वैज्ञानिक परीक्षणों के चलते पूरी दुनिया मे मशहूर थे. बोला जाता हैं की साल 2002 में बहुत सारे लोग अब्दुल कलाम के प्राणों के दुश्मन हो गए थे. इसी को ध्यान में रखते हुए और अब्दुल कलाम की जान की रक्षा करने के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति के लिए मनोनीत किया गया. और यही वजह हैं कि संसद में किसी ने भी इसका विरोध नही किया. अब्दुल कलाम ने साल 2002 भारत के 11वे राष्ट्रपति के तौर पर शपत ली. अब्दुल कलाम का साल 2015 में स्वर्गवास हो गया. जब अब्दुल कलाम का स्वर्गवास हुआ तो पूरा देश गम में डूब गया था क्योंकि अब्दुल कलाम भारत के लोगो के दिलो में राज करते थे और आज भी लोगो के दिलो अब्दुल कलाम के लिए बहुत ज्यादा इज़्ज़त हैं.