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आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ 10 साल की उम्र में बनाई खुद की कंपनी, आज करोड़ों का मालिक

भारत में अधिकतर बच्चे अपना बचपन खेलकूद करने और पढ़ाई करने में निकाल देते हैं। ज्यादातर परिवार वाले बच्चों को पढ़ाई के लिए हमेशा कहते रहते हैं। आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने वाले हैं जिसने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की इसके बाद पढ़ाई को छोड़ दिया। जालंधर में एक साधारण परिवार में पैदा हुआ तनीश मित्तल आज सफलता की काफी सीढ़ियां चढ़ चुका है। तनीश मित्तल कंप्यूटर को लेकर इतना अधिक दीवाना था कि वह दूसरे किसी भी सब्जेक्ट की किताब को हाथ तक नहीं लगाता था।

8 वीं क्लास में छोड़ दी पढ़ाई

तनिश मित्तल को कंप्यूटर पर काम करना बेहद पसंद था। जब वह आठवीं क्लास में था तब तक सॉफ्टवेयर पर काम करना एनिमेशन बनाना वेब डिजाइनिंग ईगल हैकिंग जैसे काफी काम सीख लिए थे जिन्हें सीखने के लिए लोगों को सालों लग जाते हैं। मात्र 10 साल की उम्र में तनीश मित्तल ने अपनी एक कंपनी बना ली और पूरा ध्यान उसी पर देने लगे इसलिए पढ़ाई को आठवीं कक्षा के बाद ही छोड़ दिया।

हम बात कर रहे हैं innowebs tech के ceo तनीश मित्तल के बारे में जिसके पिता ने एक बार इंडिया टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में बताया कि तनिश का जन्म 2005 में हुआ था इसके बाद वह शुरू से ही अलग रहता था। तनिश के पिता नितिन कुमार कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट हैं और उन्हीं के कुछ गुण कंप्यूटर को लेकर उनके बच्चे में भी आ गए। कंप्यूटर में बैठे की दिलचस्पी देखकर नितिन ने 6 साल की उम्र में ही कंप्यूटर के बेसिक नॉलेज अपने बेटे को दे दिए इसके बाद तनिश मित्तल कंप्यूटर के कीबोर्ड के साथ खिलौनों की तरह खेलने लगा। घर पर बैठे-बैठे इंटरनेट की मदद से ही एनिमेशन, ऑडियो वीडियो एडिट, फोटोशॉप, एनिमेशन डिजाइन जैसे काफी खूबियां वीडियो देख देख कर ही सीख ली।

तनीश मित्तल के पिता ने बताया कि वह अपने बेटे की खूबियों को दुनिया के सामने लाना चाहते थे इसमें उन्होंने उसका साथ दिया और उनके खुद के इंटरेस्ट का सम्मान किया। तनीश मित्तल ने जब स्कूल छोड़ने का फैसला लिया तो इसमें भी उनके पिता की सहमति थी। वक्त बीत गया और तनीश ने घर से निकल कर खुद के कदमों पर खड़े होने का विचार किया और इतनी छोटी उम्र में कोई भी उन्हें अपने यहां एडमिशन देने को तैयार नहीं हो रहा था। कुछ समय बाद एक निजी संस्थानों से बात करने के लिए तैयार हुआ और उन्होंने जो टेस्ट लिया उसमें वह आधे से ज्यादा सिलेबस पहले से जानते थे। इसके बाद धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए उन्होंने खुद के कंपनी बना ले और आज वह है पूरी दुनिया में काफी बड़े बड़े कारनामे कर चुके हैं।

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