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70 साल का बुजुर्ग बीमार पत्नी को कंधे लेकर चला 4 KM, नहीं बची जान, बेबसी इतनी की ..

वर्तमान समय में शहरों के साथ-साथ लगभग सभी गांव में भी यातायात के साधन उपलब्ध हैं। पहले के जमाने में जहां थोड़ा सा सफर तय करने में घंटों लग जाते थे वही आज संसाधनों की उपलब्धता के चलते यह सफर कुछ मिनटों में ही पूरा हो जाता है। लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो संसाधनों के अभाव में जी रहे हैं और इसके चलते उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है आज हम आपको एक ऐसी ही सच्ची दास्तां बताते हैं जिसमें एक 70 साल का बुजुर्ग पुरुष अपनी बीमार पत्नी को कंधे पर उठाया और 4 किलोमीटर तक पैदल चला।

70 साल का बुजुर्ग बीमार पत्नी को लेकर 4 किलोमीटर तक चला फिर भी नहीं बच पाई

यह घटना महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले के चांदसैली गांव की है। इस घटना को सुनकर हर किसी का दिल बेहद दुखी हो रहा है। अपने गांव में रहने वाले 70 साल के अदल्या पाड़वी भी की पत्नी सिदली बाई की तबीयत खराब हो गई। इसके बाद जब वह अस्पताल ले जाने लगा तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बारिश और भूस्खलन के चलते हैं सारे रास्ते बंद हो गए थे जिसके बाद बुजुर्ग ने अपनी पत्नी को कंधे पर उठाया और पैदल ही हॉस्पिटल के लिए निकल पड़ा। बुजुर्ग अपनी पत्नी को लेकर 4 किलोमीटर दूर तक गया लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी पत्नी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

बताया जा रहा है कि बारिश और भूस्खलन के कारण गांव में कोई भी गाड़ी नहीं आ सकती थी और अपनी पत्नी की हालत बेहद गंभीर देख कर बुजुर्ग ने पैदल जाना ही मुनासिब समझा और अपनी पत्नी को अपने कंधों पर उठा लिया। 70 वर्ष की उम्र होने के कारण शरीर काफी कमजोर हो चुका था और हड्डियां बार बार जवाब दे रही थी इसलिए रास्ते में काफी बार पत्नी को नीचे बैठाना पड़ा। इसके बाद भी इस बुजुर्ग ने हार नहीं मानी और पत्नी को लेकर अस्पताल तक पहुंचा लेकिन इस 70 साल के बुजुर्ग की यह कोशिश नाकाम हो गई।

हॉस्पिटल पहुंचने के बाद डॉक्टर ने उनकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि तेज बुखार के होते महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इतनी अधिक उम्र होने के बाद भी इस बुजुर्ग ने अपनी हिम्मत की एक मिसाल पेश की है। ऐसा कहा जाता है कि पास में ही पत्थर तोड़ने के लिए ब्लास्ट किया जाता है जिसके चलते भूस्खलन होता है और यहां की सड़क और यातायात थम जाता है।

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