बच्चों को भगवान का रूप माना जाता है। आपने देखा होगा कि बच्चे हमेशा शैतानी करते हैं और नटखट होते हैं। लेकिन क्या बच्चों को इसकी सजा मिलनी चाहिए? शायद सभी का जवाब होगा नहीं। वे लोग जो बच्चों को सजा देते हैं वह भी जवाब नहीं ही देंगे। दरअसल अभी एक मामला सामने आया है जिसके अनुसार 13 महीने के मासूम के दांत से काटने के कारण है किसी ने बच्चे को मिर्च खिला दी। जो मासूम की सांस नली में फंस गई। मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले का है जाना हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने हिम्मत दिखाकर मासूम की जान बचा ली है। मासूम बच्चों को कभी भी इस तरीके की सजा नहीं देनी चाहिए।
मासूम को सजा के तौर पर खिला दी मिर्च
13 महीने की मासूम जिसका नाम सान्या है को दांतों से काटने की आदत थी जो तकरीबन सभी बच्चों की होती है लेकिन उसके परिवार वालों में किसी व्यक्ति ने दांतों से काटने के कारण मासूम को मिर्च खिला दी। मिर्च का एक टुकड़ा गले में जाकर सान्या के श्वास नली में फंस गया जिस कारण है सांस लेने में तकलीफ होने लगी। मासूम को बुखार चढ़ गया और सांस नहीं आ रहा था जिस कारण परिजनों ने डॉक्टर को दिखाया लेकिन डॉक्टर के कुछ सही तरीके से साफ समझ में नहीं आया और बताया गया कि इसे न्यूमोनिया हुआ है निमोनिया की दवाई लेने के बाद भी जब मासूम की हालत में कोई सुधार नहीं आया तो उन्हें दूसरे हॉस्पिटल में दिखाया गया।
ब्रोंकोस्कॉपी के द्वारा किया इलाज
जब मासूम को सांस लेने में राहत नहीं मिली तो सिटी स्कैन करवाया गया लेकिन सिटी स्कैन में भी किसी प्रकार की बीमारी का पता नहीं लग पाया। बच्चे के बुखार तो सही हो गया लेकिन सांस लेने में कठिनाई कम नहीं हुई इसके बाद चिकित्सकों ने उन्हें नाक कान गला विभाग में भेज दिया। नाक कान गला रोग की विभागाध्यक्ष डॉ कविता सचदेवा ने बताया कि हमें सूचना मिली की माधव नगर कटनी निवासी दीपक रजक की बेटी सान्या को सांस की तकलीफ है इसके बाद सिटी स्कैन किया तो कुछ पता नहीं लग पाया फिर उन्हें ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर ब्रोंकोस्कॉपी की इसके जरिए पता लगा कि मासूम की सांस नली में मिर्च का एक टुकड़ा फंसा हुआ है। सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में सान्या का इलाज पूरा हुआ और मिर्च का टुकड़ा बाहर निकाल लिया गया इसके बाद 13 माह की सान्या की सांस लेने की तकलीफ भी दूर हो गई।