आज के समय में दुनिया में ऐसी कई सारी जगह है जो आज भी एक रहस्य बनी हुई है । इन जगहों के बारे में ना तो ज्यादा कोई जानता है और ना ही किसी को यह सब जानने का मौका मिल पाता है । ऐसी जगहों पर केवल नाम मात्र के लोग ही पहुंच पाते हैं । हर किसी को ऐसी जगहों पर जाकर रहस्य को सुलझाने का मौका नहीं मिलता । आज हम एक ऐसे ही जगह के बारे में बात करने जा रहे हैं । तमिलनाडु के पूर्वी तट पर रामेश्वरम के किनारे स्थित इस जगह का नाम है धनुष्कोड़ी । यह वास्तव में एक गांव है । यह जगह कई मायनों में काफी रहस्यमई है । कई लोग तो इस जगह को भूतिया भी करार देते हैं ।
यह जगह इतनी रहस्यमई है कि जो लोग यहां घूमना चाहते हैं उन्हें केवल यहां पर दिन में ही घूमने की इजाजत दी जाती है । इस जगह पर रात में घूमना सख्त मना है । अंधेरा होने से पहले लोगों से बोल दिया जाता है कि वह इस जगह को खाली कर दें । रात के समय यह इलाका पूरी तरह से सुनसान हो जाता है । धनुषकोडी रामेश्वरम से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । इस जगह की सबसे ज्यादा खास बात यह है कि यह जगह श्रीलंका के काफी पास है । यहां से श्रीलंका को साफ तौर पर देखा जा सकता है ।
भारत के धनुष्कोड़ी और श्रीलंका के बीच कि इस जगह की लंबाई केवल 50 गज है । यही कारण है कि यह दुनिया का सबसे छोटी जगहों में से एक हैं । इस गांव से जुड़ी कई सारी ऐतिहासिक घटनाएं भी प्रसिद्ध है ।
ऐसा कहा जाता है कि 1983 में जब स्वामी विवेकानंद अमेरिका में आयोजित धर्म संसद में भाग लेने गए थे तो भारत लौटकर उन्होंने सबसे पहला कदम धनुष्कोड़ी में ही रखा था ।
कई लोग ऐसा भी मानते हैं कि धनुष्कोड़ी ही वह जगह है जहां पर राम सेतु बनाने का कार्य शुरू किया गया था । लोग ऐसा मानते हैं कि इसी जगह पर खड़े होकर भगवान राम ने हनुमान जी को राम सेतु बनाने का आदेश दिया था । आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि इतनी डरावनी और सुनसान जगह पर भगवान राम के कई सारे मंदिर हैं । कई लोग ऐसा भी मानते हैं कि , विभीषण के कहने पर भगवान राम ने अपने धनुष के एक सिरे से पुल को तोड़ दिया था। तभी से इस जगह का नाम धनुषकोडी पड़ गया था ।